13 March 2022

स्वामी विवेकानंद की प्रेरक कहानी - लक्ष्य पर ध्यान - Inspirational Story of Swami Vivekananda - Meditation on Goal

Swami Vivekananda Lakshay Par Dhyan lagao Story

यह उन दिनों की बात है जब स्वामी विवेकानंद अमेरिका में थे। एक दिन वो सैर के लिए निकले और घूमते-घूमते एक पुल के पास पहुंचे। तभी उनकी नजर पुल पर खड़े बच्चों पर गई। सभी बच्चे बंदूक से पुल के नीचे बहती बड़ी-सी नदी में तैर रहे अंडों के छिलकों पर निशाना लगाने की लगातार कोशिश कर रहे थे। कई कोशिशों के बाद भी वो एक बार भी अंडे के छिलके पर सही निशाना नहीं लगा पाए।

यह देखकर स्वामी विवेकानंद बड़े हैरान हुए। उनके मन में हुआ कि मुझे भी एक बार कोशिश करनी चाहिए। उन्होंने बच्चों से बंदूक मांगी और खुद निशाना लगाने लगे। स्वामी ने बंदूक तानी और अंडे के छिलके पर पहली बार में ही निशाना लगा लिया। पहला निशाना सही लगने के बाद उन्होंने एक के बाद एक कई सारे अंडे के छिलकों पर सही निशाना लगाया।

स्वामी के निशाने की कला को देखकर बच्चे हैरान रह गए। बच्चों ने स्वामी से पूछा कि आखिर वो कैसे एक के बाद एक सही निशाना लगा रहे हैं। आगे बच्चों ने कहा कि वो बहुत देर से उन छिलकों पर निशाना लगाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन ऐसा हो नहीं रहा है। हमें भी बताइए सही तरीके से निशाना लगाने के लिए क्या करना चाहिए।

स्वामी विवेकानंद ने बच्चों को जवाब देते हुए कहा कि इस दुनिया में ऐसा कोई काम नहीं है, जो किया नहीं जा सकता। दुनिया में कोई भी काम असंभव नहीं है। बस अपना सारा ध्यान उस काम की तरफ लगाओ, जिसे तुम्हें करना है या जिसे तुम कर रहे हो। उन्होंने आगे बताया कि अगर निशाना लगाते वक्त तुम्हारा सारा ध्यान अंडे के छिलके पर होता, तो तुम निशाना ठीक तरीके से लगा पाते।

कहानी से सीख :

लक्ष्य को पूरा करने की चाहत रखने वाले को हमेशा पूरा ध्यान उस लक्ष्य पर ही रखना चाहिए। ऐसा करने से लक्ष्य चूकता नहीं है।

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