08 March 2022

रास्ते का भूत | Raste Ka Bhoot Story In Hindi

Raste Ka Bhoot Story In Hindi 

रवि नाम का एक लड़का दिल्ली की किसी फैक्ट्री में सफाई का काम किया करता था। उसके घर से फैक्ट्री करीब पांच किलोमीटर दूर थी। वो हमेशा अपनी साइकिल से ही फैक्ट्री जाता था। रोज की ही तरह आज भी वो घर से फैक्ट्री के लिए निकला। उसे रास्ते में पड़ने वाले एक चौराहे पर एक लड़की दिखी, जो उसे गुस्से में घूर रही थी। लड़के ने भी उसे देखा और फिर मुंह फेरकर फैक्ट्री चला गया।

अगले दिन भी सुबह वो लड़की उसी जगह पर खड़ी थी और रवि को घूर रही थी। उसने पलटकर लड़की को नहीं देखा और सीधे अपने काम पर चला गया। रोजाना इसी तरह हफ्ते भर वो लड़की चौराहे पर खड़ी होकर रवि को घूरती थी और रवि उसे अनदेखा करके फैक्ट्री चला जाता था।

करीब सात दिन बाद जब रवि फैक्ट्री जा रहा था, तो उसे वो लड़की उस जगह पर खड़ी नहीं दिखी। रवि के मन में हुआ कि आखिर क्या हुआ होगा कि वो लड़की वहां नहीं है। रवि ने सोचा कि उस लड़की से कुछ पूछने या बात करने में भी डर लगता था, क्योंकि वो बुरी तरह से घूरती थी। इन्हीं ख्यालों के साथ वो फैक्ट्री पहुंचा और साफ-सफाई करके शाम को घर लौट गया।

वो लड़की एक हफ्ते तक उस चौराहे पर नहीं दिखी। एक दिन जब शाम को वो लड़का घर पहुंचा, तो उसे अपने बेड पर एक चिट्ठी दिखी।

उसमें लिखा था, “मेरा नाम प्रीति है। मैं तुम्हें एक हफ्ते पहले रोज एक चौराहे पर दिखती थी। कल शाम तुम वहीं पर खड़े होकर मेरा इंतजार करना।” उस चिट्ठी में एक फोटो भी थी, जो उसी चौराहे पर खड़ी लड़की से मिलती थी।

लड़के के मन में हुआ कि आखिर इसे मेरे घर का पता कैसे मिला होगा और ये चिट्ठी मेरे बेड तक कैसे पहुंची। इसी सोच के साथ वो सो गया। अगले दिन उठकर जब काम में जाने लगा, तो उसे चिट्ठी वाली बात याद आ गई। साइकिल से वो सुबह फैक्ट्री पहुंचा और दिनभर उसी लड़की के बारे में सोचता रहा। शाम को वो उस चौराहे पर पहुंचकर उस लड़की का इंतजार करने लगा। काफी देर हो गई, लेकिन वो आई नहीं।

रवि इंतजार करके थक गया था, इसलिए वो घर की ओर निकल गया। घर पहुंचते ही उसने सोचा कि क्यों न चिट्ठी पर लिखे हुए पते पर जाकर ही उस लड़की से मिल लिया जाए। रात होने को थी, इसलिए उसने सुबह-सुबह उस लड़की के घर जाने की सोची।

सुबह होते ही जल्दी तैयार होकर रवि चिट्ठी पर लिखे पते पर पहुंच गया। वहां जाकर जब उसने घर की घंटी बजाई तो एक आदमी बाहर आया। उससे रवि ने कहा कि मुझे प्रीति से मिलना है। यह सुनते ही वह व्यक्ति चौंक गया। जवाब में उसने पूछा, “क्या प्रीति से मिलना है? उसे मरे हुए तो दो महीने हो गए हैं, तुम्हें अब उससे क्या काम याद आ गया?”

यह सुनते ही रवि के होश उड़ गए। डर के मारे शरीर कांपने लगा। किसी तरह खुद को संभालकर रवि घर पहुंचा और चिट्ठी को जला दिया। उसके मन में कई तरह के सवाल उठने लगे। उसने सोचा कि वो लड़की जो मुझे रोज दिखती थी वो भूत थी। मुझे एक भूत ने चिट्ठी भेजी थी। यही सोचकर वो घर में दुबक कर बैठ गया। उस दिन से रवि न तो रास्ते में किसी को देखता था और न ही किसी अनजान इंसान के बारे में सोचता था।

कहानी से सीख : किसी अनजान इंसान के बारे में सोचना नहीं चाहिए और बिना किसी व्यक्ति की सही जानकारी के उसके घर तो बिल्कुल नहीं जाना चाहिए।

Previous Post
Next Post

post written by:

0 Comments: