एक समय की बात है, पाल्पा देश में एक कवि रहता था। वो अपने देश के राजा से मिलकर उनको कविता सुनना चाहता था, ताकि राजा उसकी कविता से खुश हो जाएं और उसे कोई इनाम दें। इसके लिए वह कवि हर दिन महल जाता, लेकिन सैनिक उसे महल के अंदर जाने से रोक देते। सैनिक कहते थे जब राजा उन्हें खुद से बुलाएगा, तभी वह महल के अंदर जा सकता है।
रोज सिपाहियों से यही बात सुनकर वह वापस अपने घर चला जाता था। एक दिन जब वह वापस अपने घर पहुंचा, तो थोड़ी देर बाद उसकी पत्नी उससे कहती है कि देखना, शायद घर के दरवाजे पर कोई आया हुआ है।
कवि ने जब दरवाजा खोला, तो उसने देखा कि एक आदमी उसके घर के बाहर खड़ा था। उस आदमी ने कवि से एक पते के बारे में पूछा और कहा कि उसे वहां जाना है।
कवि ने जब वह पता देखा, तो उस आदमी से कहा कि आपको जिस नगर में जाना है वह यहां से बहुत दूर है। आप बहुत दूर से आए हैं और अभी शाम भी हो गई है। आप उस पते पर समय रहते नहीं पहुंच सकते। बेहतर होगा कि आप आज की रात हमारे ही घर में रुक जाएं।
आदमी ने जवाब में कहा कि मेरे रुकने से आपको समस्या हो सकती है, इसलिए मैं अपने लिए कोई दूसरा स्थान ढूंढ लूंगा। मगर कवि के बार-बार कहने पर वह आदमी कवि के घर में ही रुक गया।
कवि के इस व्यवहार से उसकी पत्नी चिंता में पड़ जाती है। उसने कवि को बुलाया और धीरे से पूछने लगी, ‘हमारे पास भोजन की कमी है। ऊपर से आप ने किसी अनजान को घर में रोक लिया है।’
इस पर कवि अपनी पत्नी को समझाते हुए कहता है कि चिंता न करो। कोई दिक्कत नहीं होगी। इतना कहकर कवि वहां से कुछ देर के बाहर जाने लगता है और पत्नी को बोलता है कि मेहमान का ख्याल रखना।
कवि के घर में रुके उस अनजान व्यक्ति ने कवि और उसकी पत्नी की सारी बातें सुन ली थी।
घर से बाहर जाते समय कवि उस अनजान व्यक्ति से आराम करने के लिए कहकर बाहर चला जाता है। थोड़ी देर में कवि भोजन बनाने की सामग्री के साथ घर लौटता है, जिसे उसने उधार लेकर खरीदा था।
खाना बनने के बाद कवि ने उस अनजान व्यक्ति को अपने साथ भोजन करने के लिए बुलाया। इस दौरान दोनों बातें करने लगे और बातों-बातों में उसने अजनबी को बता दिया कि वह एक कवि है और उसे अपनी दो-चार कविताएं भी सुना दी।
उस अनजान शख्स को कविताएं काफी अच्छी लगीं और उसने कवि की बहुत तारीफ की। इस पर कवि ने कहा कि इन कविताओं का कोई मोल नहीं है, क्योंकि कोई भी उसकी कविता नहीं सुनना चाहता। फिर कवि ने उसे राजा और उसके सैनिक वाली बात भी बताई। इस पर उस अनजान आदमी ने कहा कि इसी तरह आपको हर रोज राजा के महल जाने की कोशिश जारी रखनी चाहिए।
सुबह होते ही बिना कवि को बताए वह अनजान आदमी अपने पते पर निकल गया। उसी दिन कवि के पास राजा के सैनिक आए और उसे अपने साथ महल चलने के लिए कहने लगे।
कवि सैनिकों के साथ राजा के महल गया और राजा को अपनी कविताएं सुनाई। इसके बाद राजा ने खुश होकर कवि को अपने महल में रख लिया और उसे ढेर सारा इनाम भी दिया।
कवि को यह बात नहीं पता था कि राजा पहले भी उसकी कविता सुन चुके हैं। वो अनजान शख्स कोई और नहीं, बल्कि राजा ही था, जो अपना रूप बदलकर उसके घर आया था।
कवि ने वापस घर जाकर अपनी पत्नी को इसके बारे में बताया। इसपर उसकी पत्नी कहती है कि वह अजनबी व्यक्ति आपके लिए भाग्यशाली था। उसके घर आते ही कि आपको काम और इनाम दोनों मिल गए।
इसके बाद से कवि का जीवन बदल गया। वह बहुत ही खुशहाली में अपना जीवन जीने लगा।
कहानी से सीख
जिस तरह कवि ने अपने अच्छे व्यवहार से अपने बुरे दिन को खुशाहली में बदला, उसी तरह हम भी अपने नेक व्यवहार के जरिए अपनी परेशानियों को कम कर सकते हैं।
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