08 March 2022

हनुमान जी का जन्म - birth of hanuman ji

Story of Ramayana Birth of Hanuman

रामभक्त हनुमान को कई नामों से जाना जाता है, जैसे मारुति नंदन, पवनपुत्र व संकटमोचन आदि। माना जाता है कि वह भगवान शिव के 11वें रूद्र अवतार थे और उनके जन्म का उल्लेख कई पौराणिक कथाओं में मिलता है। इस कहानी में हम हनुमान जी के जन्म से जुड़ी ऐसी ही एक प्रचलित कथा बता रहे हैं।

हनुमान जी के जन्म की कथा बहुत रोचक है। वे माता अंजनी और वानर राज केसरी के पुत्र थे। माना जाता है कि उनका जन्म कोई साधारण संयोग नहीं था, बल्कि देवतागण, नक्षत्र और सारे भगवान के आशीर्वाद से पृथ्वी से पाप का विनाश करने के लिए हुआ था। मान्यताओं के अनुसार, माता अंजनी को यह वरदान मिला हुआ था कि उनका होने वाला पुत्र शिव का अंश होगा। इसके अलावा, एक मान्यता यह भी है कि जब बजरंगबली का जन्म हुआ था, उसी समय रावण के घर भी एक पुत्र ने जन्म लिया था। यह संयोग दुनिया में अच्छाई और बुराई का संतुलन बनाए रखने के लिए हुआ था।

बात सतयुग की है, जब माता अंजनी एक जंगल में बैठकर पुत्र प्राप्ति के लिए भगवान शिव की पूजा कर रही थीं। वह हाथ जोड़कर और आंखें बंद करके आराधना में लीन थी, तभी उनकी सामने रखी कटोरी में एक फल आकर गिरा। माता अंजनी ने जब उस फल को देखा, तो उन्होंने उसे प्रसाद समझ कर सेवन कर लिया।

दरअसल, जब माता अंजनी जंगल में पूजा कर रही थी, तब वहां से दूर अयोध्या में राजा दशरथ भी पुत्र प्राप्ति के लिए शिव-यज्ञ करवा रहे थे। इस हवन के बाद पंडित ने राजा दशरथ की तीनों रानियों को फल दिए, जिन्हें खाने से उन्हें पुत्र प्राप्ति हुई थी। इन्हीं फलों में से एक छोटा-सा अंश एक पक्षी उठाकर ले गया, जिसे उसने बाद में माता अंजनी के सामने रख दिया।

इस प्रकार भगवान शिव के आशीर्वाद से हुआ था केसरीनंदन हनुमान का जन्म।

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