16 February 2022

एक घमंडी हाथी और चींटी की कहानी | Ghamandi Hathi Aaur Chiti Ki Kahani

एक बार की बात है। किसी जंगल में एक हाथी रहता था। उसे अपने शरीर और अपनी ताकत का बहुत घमंड था। उसे रास्ते में जो भी जानवर मिलता, वो उसे परेशान करता और डरा कर भगा देता।

एक दिन वह कहीं जा रहा था। रास्ते में उसने एक पेड़ पर एक तोते को बैठा देखा और उससे अपने सामने झुकने के लिए बोला।

तोते ने झुकने से मना कर दिया, तो गुस्से में आकर हाथी ने वो पेड़ ही उखाड़ दिया, जिस पर तोता बैठा था। तोता उड़ गया और हाथी उसे देख कर हंसने लगा।

फिर एक दिन हाथी नदी के किनारे पानी पीने के लिए गया। वहीं पर चींटियों का छोटा-सा घर था।

एक चींटी बड़ी मेहनत से अपने लिए खाना इकट्ठा कर रही थी। यह देख हाथी ने पूछा कि तुम क्या कर रही हो, तो चींटी ने कहा कि बरसात का मौसम आने से पहले अपने लिए भोजन जमा कर रहीं हूं, ताकि बारिश का मौसम बिना किसी परेशानी से निकल जाए। यह सुन कर हाथी के मन में शरारत सूझी और उसने अपनी सूंड़ में पानी भर कर चींटी के ऊपर डाल दिया।

पानी से चींटी का भोजन खराब हो गया और वो पूरी भीग गई। यह देखकर चींटी को बहुत गुस्सा आया और उसने घमंडी हाथी को सबक सिखाने का सोचा। फिर एक दिन चींटी को मौका मिल ही गया कि वो हाथी को सबक सिखा सके। हाथी भोजन करके हरी घास पर सो रहा था।

चींटी सोते हुए हाथी की सूंड़ में घुस गई और अंदर से उसे काटने लगी। जैसे ही चींटी ने हाथी को काटा, हाथी दर्द के मारे जोर जोर से रोने लगा और मदद के लिए पुकारने लगा।

चींटी ने हाथी के रोने की आवाज सुनी और सूंड़ से बाहर निकल आई। हाथी उसे देख कर डर गया और अपने किए की माफी मांगी। जब चींटी को महसूस हुआ कि हाथी को अपनी गलती का अहसास हो गया है, तो उसने हाथी को माफ कर दिया। हाथी अब बिलकुल बदल गया और उसने वादा किया कि अब वो किसी को नहीं सताएगा और दूसरों की मदद करेगा।

कहानी से सीख

हमें अपनी ताकत पर कभी घमंड नहीं करना चाहिए। अपनी ताकत के जोर पर दूसरों को परेशान करने की जगह उनकी मदद करनी चाहिए। 

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